राजधानी में वायु प्रदूषण एक बार फिर गंभीर स्थिति की ओर बढ़ रहा है, जिससे सांस लेने में परेशानी और आंखों में जलन जैसी समस्याएं सामने आ रही हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, शुक्रवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 393 दर्ज किया गया, जो गुरुवार की तुलना में 22 अंक अधिक है।
स्थिति का पूर्वानुमान
शनिवार और रविवार को भी स्थिति में सुधार की संभावना कम है, और एक्यूआई 300 से ऊपर ही बना रह सकता है। रात के समय कुहासा छाने और स्मॉग बनने की संभावना है, जिससे हवा की गुणवत्ता “बेहद खराब” श्रेणी में बनी रहेगी। मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण के फैलाव में मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियां बड़ी बाधा बन रही हैं।
हवा की दिशा और गति का प्रभाव
भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान (आईआईटीएम) के मुताबिक, शुक्रवार को पश्चिम दिशा से 4-8 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। शाम तक यह गति घटकर 6 किलोमीटर प्रति घंटे रह गई, जिससे प्रदूषकों का स्तर और बढ़ गया। 1450 मीटर की मिक्सिंग डेप्थ और 4500 घनमीटर प्रति सेकंड का वेंटिलेशन इंडेक्स दर्ज किया गया। अगले 24 घंटों में वेंटिलेशन इंडेक्स के 3500 घनमीटर प्रति सेकंड तक गिरने का अनुमान है, जिससे प्रदूषण की स्थिति और बिगड़ सकती है।
जनता पर प्रभाव
इस स्थिति के चलते नागरिक बेहद खराब हवा में सांस लेने को मजबूर हैं। कुछ क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता गंभीर स्तर तक पहुंच चुकी है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि लोग स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहें और बाहर निकलने से बचें, खासतौर पर सुबह और रात के समय जब स्मॉग का असर ज्यादा होता है।
आवश्यक उपाय
- एन95 मास्क का इस्तेमाल करें।
- बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा के मरीजों को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
- घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें।
स्थिति पर काबू पाने के लिए प्रशासन और नागरिकों दोनों को मिलकर ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।