सीआरपीएफ के एक सिपाही ने बिना किसी पूर्व सूचना के 196 दिनों की छुट्टी ली, जिसके कारण उसे बर्खास्त कर दिया गया।
लेकिन जब इस फैसले के पीछे की सच्चाई सामने आई, तो उसकी नौकरी फिर से बहाल कर दी गई। सिपाही ने अपनी मां की गंभीर बीमारी के चलते लंबी छुट्टी की मांग की थी, मगर इस अवधि के दौरान वह अनुपस्थित रहा।
पहले उसे बर्खास्त कर दिया गया, लेकिन बाद में जब अदालत ने उसकी स्थिति को समझा और उसकी मां की बीमारी की स्थिति पर ध्यान दिया, तो सिपाही की बर्खास्तगी को रद्द कर दिया गया और उसकी नौकरी पुनः बहाल कर दी गई।
हाईकोर्ट ने कहा कि सिपाही के पास नियुक्ति स्थान छोड़ने का वैध कारण था और मामले में सहानुभूति पूर्ण दृष्टिकोण अपनाते हुए उसकी बर्खास्तगी के आदेश को निरस्त कर दिया।