मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू जल्द ही भारत की आधिकारिक यात्रा करेंगे। राष्ट्रपति कार्यालय की मुख्य प्रवक्ता हीना वलीद ने इस यात्रा की घोषणा की है। हालांकि, यात्रा की तारीख अभी तय नहीं हुई है और भारत तथा मालदीव सरकारें ऐसी तारीख पर चर्चा कर रही हैं जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति मुइज्जू दोनों के लिए सुविधाजनक हो।

इस घोषणा के दिन ही मालदीव सरकार के दो मंत्रियों – मरियम शिउना और मालशा शरीफ – ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। ये वही मंत्री हैं जिन्हें जनवरी में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों के चलते निलंबित किया गया था।

राष्ट्रपति मुइज्जू, जो चीन समर्थक रुख के लिए जाने जाते हैं, ने पहले भी 9 जून को प्रधानमंत्री मोदी के शपथग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए भारत की यात्रा की थी। हालांकि, मुइज्जू के राष्ट्रपति बनने के बाद से भारत-मालदीव संबंधों में तनाव बढ़ा है। अपने शपथ ग्रहण के कुछ ही घंटों के भीतर मुइज्जू ने भारत द्वारा उपहार में दिए गए तीन विमानन प्लेटफॉर्म पर तैनात भारतीय सैन्यकर्मियों को वापस बुलाने का आदेश दिया था। इसके बाद भारतीय सैन्यकर्मियों की जगह असैन्य कर्मियों को तैनात किया गया।

इस बीच, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अगस्त में मालदीव की यात्रा की थी, जो मुइज्जू के पदभार संभालने के बाद नई दिल्ली की ओर से मालदीव की पहली उच्चस्तरीय यात्रा थी।

मालदीव के मंत्रियों की प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ की गई विवादित टिप्पणियों ने भारत-मालदीव संबंधों में और तनाव बढ़ाया था। मालदीव के विदेश मंत्रालय ने इन टिप्पणियों से दूरी बनाते हुए कहा था कि ये सरकार के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं।

इस प्रकार, मालदीव के राष्ट्रपति की आगामी भारत यात्रा पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं, क्योंकि यह दोनों देशों के बीच संबंधों को बेहतर बनाने का एक महत्वपूर्ण मौका हो सकता है।

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