रोहतक (हरियाणा) सरकार ने चुनाव आयोग से डेरा प्रमुख राम रहीम के आपात पैरोल के लिए अनुमति मांगी थी, जिसे आयोग ने सोमवार को तीन शर्तों के आधार पर मंजूर किया। राम रहीम विधानसभा चुनाव से पहले हरियाणा में नहीं रहेंगे, सोशल मीडिया पर कोई संदेश जारी नहीं करेंगे, और राजनीतिक गतिविधियों में शामिल नहीं होंगे।राम रहीम की सशर्त रिहाई: विधानसभा चुनाव से तीन दिन पहले बरनावा आश्रम की ओर रवाना

सुनारिया जेल से रिहाई
राम रहीम बुधवार सुबह 6:34 बजे सुनारिया जेल से बाहर आया। हनीप्रीत के साथ गाड़ी में सवार होकर वह यूपी के बागपत स्थित बरनावा आश्रम के लिए रवाना हुआ। डीएसपी के नेतृत्व में रोहतक पुलिस की एक टीम भी उसके साथ थी, जबकि जेल के आसपास सुरक्षा के लिए काफी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था।

अनुमति में देरी और अंततः रिहाई
मंगलवार को दिनभर राम रहीम के जेल से बाहर आने के कयास लगाए जाते रहे, लेकिन देर रात तक मुख्यालय से अनुमति न आने के कारण उसे जेल से नहीं लाया जा सका। अंततः मंगलवार रात को मुख्यालय से लिखित आदेश मिलने के बाद उसे 20 दिन की आपात पैरोल पर रिहा किया गया।

पिछले पैरोल का इतिहास
राम रहीम, जो सुनारिया जेल में दुष्कर्म और हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा है, को पहले भी कई बार पैरोल मिली है:
बरोदा उप चुनाव: 20 अक्टूबर 2020 को मां से मिलने के लिए एक दिन की पैरोल मिली।

पंजाब विधानसभा चुनाव:
फरवरी 2022 में 21 दिन की पैरोल मिली।
राजस्थान विधानसभा चुनाव: 25 नवंबर 2023 को 21 दिन की पैरोल मिली।
लोकसभा चुनाव: 25 मई 2024 को 19 जनवरी को 50 दिन की पैरोल मिली।
हरियाणा विधानसभा चुनाव: 13 अगस्त 2024 को 21 दिन की फरलो मिली।

निष्कर्ष
राम रहीम की रिहाई विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हुई है, जिससे राजनीतिक हलचलें बढ़ सकती हैं। यह घटनाक्रम सभी की नजरों में है और आगे क्या होता है, यह देखने वाली बात होगी।

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