देशभर के श्याम भक्तों के लिए बड़ी राहत की खबर है। जल्द ही वे रींगस से खाटूश्यामजी तक ट्रेन से आ सकेंगे, जिससे यात्रियों की असुविधा कम होगी। रेलवे 17.49 किमी लंबे ट्रैक के लिए 254.07 करोड़ रुपये खर्च करेगा। इससे खाटू में भक्तों को सीधे ट्रेन से पहुँचने की सुविधा मिलेगी।
मंदिर थीम पर स्टेशन
स्टेशन का निर्माण खाटूश्यामजी मंदिर की थीम पर किया जा रहा है, जो कला और संस्कृति के मेल को दर्शाएगा। स्टेशन का मुख्य द्वार मंदिर के गुंबद की आकृति में होगा, और स्टेशन पर शेखावाटी शैली की पेंटिंग्स भी सजाई जाएंगी। स्टेशन के पास बड़ा पार्क और फाउंटेन, पार्किंग सुविधाएं, और विस्तृत वेटिंग एरिया इस स्टेशन को एक आधुनिक श्रद्धालु केंद्र बनाएंगे।
महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी
खाटू रेलवे स्टेशन चारण मैदान से 100 मीटर दूर और मंदिर से 1.5 किमी की दूरी पर होगा, जिससे श्रद्धालु आसानी से पैदल मंदिर तक जा सकेंगे। रींगस से खाटू तक का सफर मात्र 15-25 मिनट में पूरा होगा, और स्टेशन के रास्ते में कोई भी अतिरिक्त स्टॉपेज नहीं होगा। इससे भक्तों का सफर सरल और सीधा हो जाएगा।
स्टेशन और रेलवे ट्रैक की संरचना
तीन लूप लाइनों के साथ, ट्रैक की डिजाइन सुरक्षा और सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाई जा रही है। आधा दर्जन गांवों के बीच से गुजरने वाली इस लाइन पर कहीं भी लेवल क्रॉसिंग नहीं होगी, और जलभराव से निपटने के लिए विशेष व्यवस्था की जा रही है। ट्रैक में कुल 8 माइनर और 21 अंडरब्रिज होंगे।
प्रोजेक्ट टाइमलाइन और भविष्य
मार्च 2026 तक इस प्रोजेक्ट के पूरा होने का लक्ष्य है, और इसके बाद मई-जून 2026 में ट्रेन संचालन शुरू होने की संभावना है। रेलवे इस नए रूट पर अधिक से अधिक ट्रेनों को जोड़ने का प्रयास करेगा ताकि दूर-दराज से आने वाले भक्तों को राहत मिले।
आगामी प्रोजेक्ट्स और विस्तार
खाटूश्यामजी से सालासर और सुजानगढ़ तक भी रेल लाइन बिछाने की योजना पर काम हो रहा है, जिससे शेखावाटी के इन प्रमुख धार्मिक स्थलों के बीच सीधा ट्रेन कनेक्शन स्थापित हो सकेगा। इससे क्षेत्रीय विकास और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
भविष्य की दृष्टि
रींगस रेलवे स्टेशन पर वर्तमान में 70 ट्रेनों का ठहराव है, और लक्खी मेले के दौरान विशेष ट्रेनों का संचालन होता है। भविष्य में, खाटू रेलवे स्टेशन के शुरू होने से रेलवे और अधिक स्पेशल ट्रेनों को खाटूश्यामजी के रूट पर चलाने की योजना बना सकता है।
इस प्रोजेक्ट से न केवल श्याम भक्तों को बेहतर सुविधा मिलेगी, बल्कि क्षेत्र के आर्थिक और सांस्कृतिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान होगा।